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निहारते उन्हें देखते हुए एक पुरानी कहावत मंजिल महसूस प्रतीक्षा पन्ने बैठे बैठे हिन्दीकविता hindikavita putinwords सहम जाते हैं हम अनुकम्पा तुम्हारा हमें इंतजार है पदचाप सुनी मन के उपवन में दामन को फैलाए बैठे हैं लकीरें हाथ में जो हैं पुरानी हैं ख्याल लहरें

Hindi बैठे हैं प्रतीक्षा में मंजिल के Poems